मैं नशे में हुँ उनकी मादक नयनो का,
तुम अलग से मुझको ज़ाम न दो,
गुस्ताख़ी मेरे दिल ने की,
तुम उनकी नयनो का नाम न दो,
अल्फ़ाज़ ये सारे उन्ही से है,
तुम मुझको कवि का नाम न दो!!१!!
मैं हुँ बस एक बर्बाद फ़क़ीर,
तुम मुझे खुशियो की अरमान न दो,
मैं हुँ बस एक आशिक आवारा,
तुम मुझे कोई और पहचान न दो,
अल्फ़ाज़ ये सारे उन्ही से है,
तुम मुझको कवि का नाम न दो!!
0 comments:
Post a Comment