सरल ,मधुर मेरी रचना
लिख रहा हू सुन्दर सपना
इठलाती ,इतराती
झूम रही हैं देखो लक्ष्या….
झाड़ू ,पोछा ,बिस्तर लगाना
छूप-छूप के हँसना रोना
रुठ -रुठ के जिद्दी होंना
फिर चाचू से २ र लाना
इस्कूल जाना,इस्कूल से आना
खुद ही खुद को बतियाना
लगता उसको सबसे अछा
मेरे फोन से फोन लगना
पापा की गाड़ी पर घूमना फिरना
फिर हवाहों से बातें बतियाना……..
सरल , मधुर मेरी रचना
लिख रहा हू सुन्दर सपना
इठलाती ,इतराती
झूम रही हैं देखो लक्ष्या….
0 comments:
Post a Comment